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रविवार, 9 अगस्त 2009

पुकार साजन का

पुकारा था साल पहले तुमने,
सूना था ज़रूर उसे मैंने।

हाय, मेरे साजन प्यारे साजन,
भूल गए मुझे क्या, साजन,
दुखवा हूँ मैं साजन,
किससे शिकवा करूं बता साजन।

जवाब दिया तेरा वह,
करुण पुकार सुनकर,
पर हाय, इस भीड़ में तो वह,
डूब गया बिना तेरे सुनकर।

पुकारा था साल पहले तुमने,
सूना था ज़रूर उसे मैंने।

दुनिया ने तुम्हे लूटा रे,
आज मैं भी लूट गई हूँ,
तेरा सहारा भी लूटा रे,
अब बताओ मैं कहाँ जाऊं।

आँसू ते पिया ज़रूर मैंने,
फिर भी जिया यह तडपाए।
शम्मा है दिल में मेरे,
फिर भी दुनिया न समझा रे।

पुकारा था साल पहले तुमने,
सूना था ज़रूर उसे मैंने।



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