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रविवार, 9 अगस्त 2009

और कितना समय चाहिए?

इस दुनिया के लोग तो अजीब हैं,
धन के प्रति उनके मन में लोभ है,
हमेशा दूसरों को नीचा दिखाते हैं,
अपने को सबसे बड़ा मानते हैं।
थोड़ा धन मिलने पर समझते हैं,
के वे ही इस दुनिया के राजा हैं।
भूले से भी औरों की मदद नही करते हैं,
चूंकि, उससे उनकी शान घट जाती है।
हमेशा अपना रॉब जमाते हैं,
चोटी सी बात पर गर्व करते हैं।
मदद तो नही, पर औरों का हानि तो करते हैं।
ये कभी यह नही समझ सकते हैं,
की कल का नाम तो इक सपना है।
यहाँ तो बस दो दिन की बस्ती है,
ये दुनिया और शरीर तो नश्वर है।
अगर ये सब, लोग समझ लेते हैं,
तो, किसी को दुख नही देंगे,
इस दुनिया को स्वर्ग बना देंगे।
पर हाय, ऐसा तो होने में,
पता नही, और कितना समय चाहिए!!


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